Ranchi : प्रोजेक्ट भवन, रांची में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) की 90वीं बैठक आयोजित की गई। वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की और बैठक के अध्यक्ष पीआर की उपस्थिति में हुआ। इस मौके पर 90वीं एसएलबीसी पुस्तिका और नाबार्ड के स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया गया।
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राज्य का ऋण जमा अनुपात बढ़ा
बैठक में मनोज कुमार ने बताया कि दिसंबर 2024 तक झारखंड का ऋण जमा अनुपात 51.13% पर पहुंच गया, जो पिछले साल से 10.50% अधिक है। वहीं अंजनी कुमार ठाकुर (निदेशक, वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय, नई दिल्ली) ने बैठक में केंद्र सरकार की योजनाओं की प्रगति पर जानकारी दी और झारखंड में आरसेटी की संख्या 25 से बढ़ाने की बात कही। सुनील कृष्ण जहांगीरदार ने कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन क्षेत्र में बैंकों की भागीदारी बढ़ाने की अपील की।
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कृषि मंत्री की बैंकों से अपील
शिल्पी नेहा तिर्की (कृषि मंत्री, झारखंड) ने ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने और बैंक शाखाएं खोलने का अनुरोध किया, ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंच सके।
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वित्त मंत्री ने बैंकों से सहयोग की अपील की
वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने राज्य में चल रहे केंद्रीय और राज्य स्तरीय कार्यक्रमों के तहत प्रदर्शन में सुधार लाने की सलाह दी। मंत्री ने झारखंड राज्य की प्रगति में पिछले 22 वर्षों में बैंकों के योगदान और समर्थन की सराहना की, जो राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही उन्होंने बैंकों को राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने की सलाह दी, ताकि राज्य में सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने बैंकों को राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के अनुरूप कुछ योजनाओं को शामिल करने की भी सलाह दी, जिससे राज्य के विकास में तेजी आ सके। वित्त मंत्री ने केसीसी धारकों से ली जाने वाली ब्याज दर पर चिंता व्यक्त की है, जो वर्तमान में 7% है। यह ब्याज दर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों के लिए एक चुनौती है, खासकर जब मंत्रियों को दिए जाने वाले वाहन ऋण की ब्याज 4% है।
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ऋण जमा अनुपात
झारखंड राज्य में साल दर साल कुल जमा राशि में 30,516 करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही राज्य ने कुल ऋण में भी साल दर साल 31,406 करोड़ की वृद्धि दर्ज की है।
राज्य ऋण जमा अनुपात में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में जहां ऋण जमा अनुपात 46.27% रहा, वहीं इस वर्ष यह बढ़ कर 51.13% हो गया अर्थात साल दर साल यह बढ़ोतरी 10.50% रही।
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वार्षिक ऋण योजना 2024-25
कृषि क्षेत्र में वर्ष 2024-25 हेतु 23,100 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, दिसंबर 2024 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 11,734 करोड रही, यानी कुल लक्ष्य का 50.80% उपलब्धि दर्ज हुई। साल दर साल 15.44% की बढ़ोतरी रही।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के क्षेत्र में वर्ष 2024-25 हेतु 43,000 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, दिसम्बर 2024 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 29,532 करोड़ रही, यानी कुल लक्ष्य का 68.68% उपलब्धि देखी गई है। साल दर साल 6.68% की बढ़ोतरी रही।
12 अन्य प्राथमिकता क्षेत्र में वर्ष 2024-25 हेतु 3,900.00 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, दिसम्बर 2024 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 1655.00 करोड रही, यानी कुल लक्ष्य का 42.42% उपलब्धि है।
कुल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में वर्ष 2024-25 हेतु 70,000 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, दिसम्बर 2024 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 42,920 करोड़ रही, यानी कुल लक्ष्य का 61.31% उपलब्धि दर्ज हुई। साल दर साल 7.66% की बढ़ोतरी रही।
गैर प्राथमिकता क्षेत्र में वर्ष 2024-25 के अंतर्गत 56,300 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, दिसम्बर 2024 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 49,285 करोड़ रही, यानी कुल लक्ष्य का 87.54% उपलब्धि दर्ज हुई। साल दर साल 37.10% की बढ़ोतरी रही।
राज्य में कुल ऋण में वर्ष 2024-25 के अंतर्गत 1,26,300.00 करोड़ के लक्ष्य के मुक़ाबले, दिसम्बर 2024 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 92,206 करोड़ रही, यानि कुल लक्ष्य का 73.01% उपलब्धि दर्ज हुई। साल दर साल 21.62% की बढ़ोतरी रही।
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वित्तीय समावेशन
झारखंड राज्य में बैंको ने वितीय समावेशन में, खास कर के प्रधान मंत्री जन धन योजना में कुल 1.93 करोड़ खाते विभिन बैंको द्वारा खोले गए हैं।
प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत राज्य में कुल 64.54 लाख नामांकन किये जा चुके है। वही प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत राज्य में दिसम्बर, 2024 तक कुल 135.63 लाख नामांकन किए जा चुके है।