Gumla : गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड के जमगई गांव में पिछले एक साल से पेयजल संकट ने ग्रामीणों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। जल जीवन मिशन के तहत यहां 500 लीटर क्षमता वाला जलमीनार स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य हर घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाना था। लेकिन दुर्भाग्यवश, यह जलमीनार योजना सिर्फ तीन महीनों तक ही सफल रही, उसके बाद जलमीनार का संचालन ठप हो गया। इससे गांव में पेयजल का संकट गहरा गया है।
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समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे प्रशासन औऱ मुखिया – ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने बार-बार पंचायत की मुखिया और संबंधित अधिकारियों से जलमीनार की खराब स्थिति के बारे में शिकायत की, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते ग्रामीणों को दूषित कुएं का पानी पीने पर मजबूर होना पड़ा है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। स्थानीय निवासी प्रमाण परवीन, मेनेजा खातुन और सिसिलिया बाड़ा ने बताया कि बार-बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन और मुखिया उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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कुएं का पानी पीने के अलावा नहीं है कोई दूसरा विकल्प
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में गंदे कुएं का पानी पीने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। दूषित पानी पीने से गांव में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ गई हैं। बीमारियों के बढ़ते खतरे ने गांववासियों की चिंता को और बढ़ा दिया है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि जल संकट का समाधान जल्दी किया जाए। उनका कहना है कि यह सिर्फ पेयजल का संकट नहीं है, बल्कि यह सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में कमी को भी उजागर करता है। अब देखना यह है कि प्रशासन और पंचायत इस गंभीर समस्या का समाधान कब तक करते हैं, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।
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