Ranchi: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (DSPMU) में शुक्रवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार थे। वहीं, कुलपति तपन कुमार शांडिल्य ने समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजीत कुमार सिन्हा बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। इस समारोह में यूजी-पीजी के कुल 158 टॉपरों को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। इन दौरान यूजी (सत्र 2020-23 व 2021-24) और पीजी (सत्र 2021-23 व 2022-24) के पास आउट 8,397 विद्यार्थियों को डिग्री भी प्रदान की गयी।
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यह दिन कठोर परिश्रम का प्रतिफल: राज्यपाल संतोष गंगवार
DSPMU के दूसरे दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने विद्यार्थियों को संबोधित भी किया। सर्वप्रथम उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं की। राज्यपाल ने कहा कि आज का यह महत्वपूर्ण दिन आपके कठोर परिश्रम और अडिग समर्पण का प्रतिफल है। उन्होंने सभी समर्पित शिक्षकों, अभिभावकों और मार्गदर्शकों को भी बधाई दी, जिनके मार्गदर्शन एवं समर्थन से विद्यार्थियों ने सफलता हासिल की। कुलाधिपति ने विद्यार्थियों से कहा कि यह दीक्षांत समारोह आपके जीवन के एक नये और महत्वपूर्ण अध्याय की शुरूआत का प्रतीक है। आपका ज्ञान और कौशल समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करेगा।
‘‘ज्ञान का सदुपयोग से समाज में आता है सकारात्मक परिवर्तन’’
राज्यपाल ने आगे कहा कि जितनी अधिक विनम्रता होती है, उतना ही व्यक्ति अपने ज्ञान का सही उपयोग करता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सक्षम होता है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर पड़ा है। डॉ. मुखर्जी केवल एक दूरदर्शी राजनेता ही नहीं, बल्कि राष्ट्र के शिल्पकार, महान विचारक और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीयता और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया। उनका जीवन व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठकर समाज एवं राष्ट्र की सेवा करने के लिये प्रेरित करता है। उन्होंने आशा जतायी कि यह विश्वविद्यालय आने वाले समय में शिक्षा, शोध और नवाचार के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।
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‘‘आज का युवा, भारत की शक्ति और संभावना का प्रतीक’’
कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आज का युवा, भारत की शक्ति और संभावना का प्रतीक है। वह अपनी ऊर्जा, ज्ञान और कौशल से देश को सशक्त बना रहा है और वैश्विक मंच पर भारत की नई पहचान स्थापित कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि PM नरेंद्र मोदी का ‘‘विकसित भारत @2047’’ का संकल्प केवल विचार नहीं, बल्कि यह एक ऐसा लक्ष्य है, जिसे पूरा करने में आप सभी का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह लक्ष्य भारत को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और तकनीकी दृष्टि से विश्व में अग्रणी बनाने का है। अंत में राज्यपाल ने कहा कि आपका ज्ञान तभी सार्थक है, जब वह समाज को सशक्त और समृद्ध बनाने में उपयोगी हो।