Ranchi: झारखंड के बोकारो जिला अंतर्गत तेतुलिया में वन संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन मामले को लेकर दिल्ली में 6 फरवरी को बैठक बुलायी गयी है। सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी (CEC) द्वारा बुलायी गयी इस बैठक में झारखंड की मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF), बोकारो उपायुक्त समेत अन्य अधिकारी शामिल होंगे। इन सभी अधिकारियों को संबंधित जमीन से जुड़े जरूरी दस्तावेज को साथ लाने के लिये कहा गया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के एमिकस क्यूरी सिद्धार्थ चौधरी, एडीएम राव और झारखंड सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल को भी इस बैठक की जानकारी दी गयी है।
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किस मामले को लेकर बुलायी गयी बैठक
सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी के अनुसार, बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी (DFO) ने तेतुलिया मौजा के प्लॉट नंबर 426 और 450 की 85.87 एकड़ वन भूमि की प्रकृति बदलने की जानकारी दी थी। ऐसे में इस मामला वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के प्रावधानों का उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है। इस मामले में संज्ञान लेते हुए CEC ने झारखंड के वरीय पदाधिकारियों को बैठक के लिये दिल्ली तलब किया है, जहां इस मामले पर विस्तृत चर्चा होगी।
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वन भूमि की प्रकृति बदलने का विवाद
तेतुलिया मौजा के चास थाना नंबर-38 के खाता नंबर-59 में कडेस्टरल सर्वे के अनुसार, प्लॉट संख्या 450 और 426 को साल जंगल के रूप में दर्ज किया गया था। यह गैर आबाद मालिक खाते की भूमि थी, जिसका कुल रकबा 85.75 एकड़ था। 24 मई 1958 को बिहार गजट में इसे सुरक्षित वन भूमि के रूप में अधिसूचित किया गया था। बोकारो के DFO ने 22 जनवरी को उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त को पत्र लिखकर इस भूमि की प्रकृति फिर से साल जंगल के रूप में बहाल करने और अनियमितता के लिए जिम्मेदार पदाधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस मामले में बोकारो के सेक्टर-12 थाने में दर्ज केस की जांच सीआईडी कर रही है।
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