Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी की रोकथाम और संक्रमित मरीजों के इलाज की तैयारियों को लेकर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जीबीएस से प्रभावित मरीजों की पहचान कर उनके इलाज की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, इस बीमारी को लेकर आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने दिए ये अहम निर्देश
✔️ बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं, जागरूकता जरूरी।
✔️ अस्पतालों में बेड, दवा, ऑक्सीजन और अन्य जरूरी सुविधाएं पुख्ता करें।
✔️ संदिग्ध मरीजों की समय पर पहचान कर उनका समुचित इलाज करें।
✔️ झारखंड में आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाए।
✔️ राज्य में जीबीएस जांच के लिए एक निःशुल्क सेंटर स्थापित करें।
स्वास्थ्य विभाग रहेगा अलर्ट मोड में
बैठक में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जीबीएस का संक्रमण दूषित जल और अस्वच्छ खान-पान के कारण फैलता है, लेकिन यह कोरोना वायरस की तरह संक्रामक नहीं है। इसलिए, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।
रिम्स में मिलेगी बेहतर चिकित्सा सुविधा
रिम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) राज कुमार ने बैठक के दौरान बताया कि जीबीएस बीमारी के इलाज के लिए रिम्स पूरी तरह तैयार है। उन्होंने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि संदिग्ध मरीजों को तुरंत रिम्स रेफर करें। साथ ही, इस बीमारी से बचाव और इलाज को लेकर जल्द ही विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी।
बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद
इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक अबू इमरान समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।
जनता को किया जाएगा जागरूक
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जीबीएस को लेकर किसी भी तरह की भ्रांतियां न फैलें, इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वच्छ पेयजल और सुरक्षित भोजन के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया जाए।
सरकार पूरी तरह सतर्क
झारखंड सरकार इस बीमारी को लेकर पूरी तरह सतर्क है और मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस बीमारी से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है, ताकि झारखंड में इसे फैलने से रोका जा सके।