Dumka: 76वें गणतंत्र दिवस (Republic day) के अवसर पर झारखंड की उप राजधानी दुमका के पुलिस लाइन में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां CM हेमंत सोरेन ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और तिरंगे को सलामी दी। इस अवसर पर आकर्षक झांकियां निकाली गयीं। CM ने अपने संबोधन की शुरूआत जनता को जोहार कह कर दिया। उन्होंने समस्त झारखंड वासियों को 76वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। कहा कि आज का यह दिन हमारे संप्रभुता एवं जनतंत्र के प्रति गहरी आस्था का राष्ट्रपर्व है। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल, शहीदे आजम भगत सिंह और बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर सहित देश के तमाम स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों को नमन किया।
अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करना झारखंड की परंपरा
CM हेमंत सोरेन ने कहा कि अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करना झारखंड की परंपरा रही है। 1857 के भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के पहले भी झारखंड में कई आदिवासी बहुल क्षेत्र में कई महान विभूतियों ने आदिवासियों के हक और अपनी सभ्यता संस्कृति की रक्षा के लिये लड़ाई लड़ी। अन्याय और अत्याचार के खिलाफ भगवान बिरसा मुंडा, तिलका माझी, वीर सिदो कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो, वीर बुधु भगत, जतरा टाना भगत, नीलांबर-पितांबर, शेख भिखारी, टिकैत उमरांव सिंह, पांडेय गणपत राय, विश्वनाथ शाहदेव का संघर्ष हमारे लिये आज भी प्रेरणा के स्रोत हैं। आज ही दिन 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ। आर्थिक व सामाजिक समानता हमारे संविधान की मूल भावना है।
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बाबा साहेब के पदचिह्नों पर चल कर ही पा सकते हैं विकास का लक्ष्य
CM ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि उनके दूरदर्शी सोच के कारण ही सदियों से शोषित, वंचित, कमजोर वर्ग को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिला। इसी का प्रतिफल है कि देश के आदिवासी, मूलवासी, पिछड़े, दलितदलित, अल्पसंख्यक सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से पहले की तुलना में काफी सशक्त हुए हैं। बाबा साहेब के आदर्शों और मूल्यों को आत्मसात करते हुए उनके पदचिह्नों पर चल कर ही हम विकास के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
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महिला सशक्तीकरण राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता
झारखंड के CM हेमंत सोरेन ने कहा कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिये हमारी सरकार दोगुने उत्साह से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम सामाजिक न्याय के साथ विकास के मार्ग पर अग्रसर हो रहे हैं। महिला सशक्तीकरण राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता रही है। उन्होंने मंईयां सम्मान योजना को बहन-दीदियों की गरिमा और आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक क्रांतिकारी शुरुआत बताया। झारखंड की सामाजिक व आर्थिक पृष्ठभूमि और ग्रामीण परिवेश में यह योजना व्यापक बदलाव लाने का सामर्थ्य रखती है। हमने महिलाओं और दीदियों के लिये 1000 रुपये की सम्मान राशि को बढ़ाने का जो वादा किया था, उसे पूरा भी किया। आज यह योजना झारखंड की करीब 56 लाख महिलाओं और दीदियों के चेहरे पर खुशी की गारंटी बन गयी है।
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5,000 से अधिक पदों पर बहाली, 28,000 से अधिक पदों पर अंतिम चरण में नियुक्ति प्रक्रिया
CM ने राज्य के युवाओं को रोजगार से जोड़ने और नियुक्तियों को लेकर भी अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि राज्य में नियुक्ति की प्रकिया को तेज कर दिया गया है। इसके लिये करीब 48 हजार पदों पर नियुक्तियों के लिये JSSC को अभियाचना भेजी गयी। इसमें 46 हजार पदों पर नियुक्ति के लिये विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है। वहीं, 5 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति की प्रकिया पूरी हो चुकी है, जबकि 28 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में है। वहीं, JPSC 11वीं और 13वीं सिविल सेवा परीक्षा की प्रकिया अंतिम चरण में है और जल्द ही 342 विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिये का प्रकाशन किया जायेगा। हमारी सरकार नियुक्तियों में झारखंड के लोगों को उचित सम्मान देने का प्रयास भी कर रही है।
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स्वरोजगार के लिये 7,625 युवा उद्यमियों को 438 करोड़ का ऋण
स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं को सरकार आर्थिक मदद कर रही है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 7,625 आवेदन स्वीकृत किये गये और लाभुकों को अनुदानित दर पर 438 करोड़ का ऋण दिया गया है। राज्य के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिये मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत 4.84 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें 2.14 लाख प्रशिक्षित युवाओं को जॉब ऑफर मिले। वहीं, प्रशिक्षण के 3 महीने के अंदर नियोजित नहीं हो पाने वाले राज्य के युवकों को 1000 रुपये प्रतिमाह और युवतियों व दिव्यांगों को 1,500 रुपये प्रतिमाह रोजगार प्रोत्साहन भत्ता दिया जा रहा है।
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CM के भाषण के अन्य प्रमुख बिंदु
- सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से 8 लाख से अधिक छात्राएं लाभान्वित हो रही हैं।
- सखी मंडल से जुड़ कर ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।
- फुलो-झानो आशीर्वाद योजना, दीदी बगिया योजना के माध्यम से महिलाओं को आजीविका का सम्मानतनक विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है।
- पलास ब्रांड के जरिये ग्रामीण महिलाओं को श्रम शक्ति का सम्मान मिल रहा है।
- सर्वजन पेंशन योजना से राज्य के हर जरूरतमंद को आर्थिक सहायता दी जा रही है।
- अबुआ आवास के जरिये गरीबों को 3 कमरे का पक्का मकान मिल रहा है।
- हरा राशन कार्ड, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री पशुधन जैसी लोक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से राज्य के गरीब और जरूरतमंदों को लाभान्वित किया जा रहा है।
- मनरेगा के तहत मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 714 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया। इसमें कुल 2,430 करोड़ की राशि खर्च की गयी है।
- बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 29 हजार एकड़ जमीन पर एक 32 हजार से अधिक परिवारों को बागवानी कार्य से जोड़ा गया।
- लगभग 3 लाख सखी मंडलों का गठन कर 32 लाख परिवारों को इससे जोड़ा गया। 452 करोड़ रुपये चक्रिय निधि और 1,946 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश निधि के रूप में उपलब्ध कराया गया।
- 66 लाख सखी मंडलों को बैंक क्रेडिट लिंकेज से जोड़ा गया है।
- गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत अब तक कुल 650 विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये 40 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया।
- मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना एवं एकलव्य प्रशिक्षण योजना के तहत छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जा रही है।
- वाल्मिकी छात्रवृत्ति योजना के तहत अनाथ एवं दिव्यांग विद्यार्थियों को अध्ययन के लिये प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के लिये अधिकतम 10 लाख रुपये ट्यूशन फीस और दैनिक उपभाग अध्ययन सामग्री के लिये 4 हजार रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जायेगा।