Ranchi/Bengaluru: झारखंड में कृषि विभाग हाई एग्रीकल्चर वैल्यू प्रोडक्ट पर फोकस करेगा। इसका उद्देश्य उन्नत कृषि के साथ-साथ किसानों की आय को बढ़ाना है। इसके लिए विभाग कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (IIHR) के शोध का अनुशरण करेगी। ये बातें झारखंड की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने शुक्रवार को बेंगलुरु में IIHR के भ्रमण के दौरान कही। मौके पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता सचिव अबु बकर सिद्दीकी, विशेष सचिव गोपाल जी तिवारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
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IIHR की अच्छाइयों को झारखंड के किसानों के हित में अपनायेंगे
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने IIHR भ्रमण के दौरान कृषि क्षेत्र में समय के साथ आये बदलाव और बदलते फसलों के बारे में जाना।साथ ही साथ संस्थान के द्वारा कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे शोध से भी अवगत हुईं। उन्होंने कहा है कि IIHR बागवानी के क्षेत्र में बेहतर काम कर रही है। इसके साथ ही किसानों के उत्पाद के सही बाजार पर भी संस्थान का बेहतर नजरिया है। उन्होंने कहा कि संस्थान की अच्छाइयों को झारखंड के किसानों के हित में अपनाया जायेगा।
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हाई एग्रीकल्चर वैल्यू प्रोडक्ट को अपनाने की आवश्यकता पर जोर
कृषि मंत्री ने कहा कि झारखंड हमेशा से ही पारंपरिक खेती करने वाला राज्य रहा है। लेकिन, अब हाई एग्रीकल्चर वैल्यू प्रोडक्ट को अपनाने की आवश्यकता है, ताकि किसानों के जीवन में भी बड़ा बदलाव लाया जा सके। उन्होंने उन्नत कृषि के लिए अपनाई जा रही नयी तकनीक, क्षेत्रीय शहद परीक्षण प्रयोगशाला, हाई एग्रीकल्चर वैल्यू प्रोडक्ट की खेती से संबंधित जानकारी भी ली।
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