MahaKumbh2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में विवाद भी शुरू हो गया है। महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-16 में समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा स्थापित करने के बाद संतों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
संतों ने किया विरोध
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा स्थापित किए जाने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव के विचार हमेशा “हिंदू विरोधी और सनातन विरोधी” रहे हैं। उनका कहना है कि महाकुंभ धार्मिक आयोजन है, और इसमें इस तरह की गतिविधियों की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
मूर्तिविचार पर सपा नेता का बयान
सपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने शिविर में मूर्ति स्थापना को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा, “मुलायम सिंह यादव स्मृति सेवा संस्थान द्वारा एक शिविर में नेताजी की करीब दो-तीन फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। इसका उद्देश्य मुलायम सिंह यादव के विचारों और विचारधारा को प्रचारित करना है।”
उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिमा महाकुंभ के बाद पार्टी कार्यालय में स्थानांतरित कर दी जाएगी। माता प्रसाद ने कहा, “शिविर में तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों का स्वागत है। उन्हें ठहरने और भोजन की सुविधा दी जा रही है।”
महाकुंभ का आयोजन और शाही स्नान की तिथियां
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का शुभारंभ 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन हुआ है। यह धार्मिक आयोजन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के साथ समाप्त होगा।
शाही स्नान की प्रमुख तिथियां इस प्रकार हैं:
- 14 जनवरी 2025: मकर संक्रांति
- 29 जनवरी 2025: मौनी अमावस्या
- 3 फरवरी 2025: वसंत पंचमी
- 12 फरवरी 2025: माघी पूर्णिमा
- 26 फरवरी 2025: महाशिवरात्रि
महाकुंभ मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। श्रद्धालु यहां पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर मोक्ष की प्राप्ति का प्रयास करेंगे।
रिपोर्ट :विकास कुमार