KML Desk: पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो गई। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगायी। इस दिन संगम पर लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई। महाकुंभ कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, 1.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पौष पूर्णिमा का स्नान किया।
CM योगी ने महाकुंभ के प्रथम स्नान की शुभकामनाएं दी
उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने समस्त साधु-संतों, कल्पवासियों और आगंतुक श्रद्धालुओं का को महाकुंभ के प्रथम स्नान की शुभकामनाएं दी। CM योगी ने कहा, “विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम ‘महाकुंभ’ का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है। अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए, आस्था एवं आधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य संतों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है। मां गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें।”
PM मोदी ने श्रद्धालुओं का वंदन और अभिनंदन किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महाकुंभ के पहले दिन पौष पूर्णिमा स्नान करने वालों को शुभकामनाएं दी है। PM ने कहा, “पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही कामना है।”
वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी, सुरक्षा में हजारों जवान मुस्तैद
महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही संगम के सभी मार्गों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है। महाकुंभ में वाहनों के प्रवेश पर भी पाबंदी है। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर हजारों की संख्या में RAF, CRPF और पुलिस के जवान मुस्तैदी से तैनात हैं। बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन और सनातन धर्म का सबसे बड़ा समागम 26 फरवरी तक चलेगा।
144 साल के बाद महाकुंभ में बन रहा समुद्र मंथन का संयोग
इस बार महाकुंभ में 144 साल के बाद समुद्र मंथन के संयोग बन रहे हैं। यह संयोग देवासुर संग्राम के समय निर्मित हुआ था। महाकुंभ के दौरान कुल छह स्नान होंगे। इनमें से तीन अमृत (शाही) स्नान होंगे। पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर 14 जनवरी, दूसरा मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी और तीसरा वसंत पंचमी पर तीन फरवरी को होगा।
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