KML Desk: सरकारी नौकरी को लेकर युवाओं का आंदोलन अक्सर झारखंड की सड़कों पर देखा जाता है। सरकारें भी बयान बहादुरी दिखा कर बीते कई सालों से ठगने का काम कर रही हैं। चंद नियुक्ति पत्र का वितरण और भव्य समारोह के साथ विशाल मीडिया कवरेज इस बात की गवाही देती आई है। नियोजन नीति की आड़ में तो कभी परीक्षा में पेपर लीक और ढुलमुल परीक्षा पद्धति की वजह से युवाओं को इसका शिकार होना पड़ता है, नतीजा आंंदोलन… लाठीचार्ज… बवंडर को संभालने के लिये थोड़ी बहुत कार्रवाई का डोज। पक्ष विपक्ष के बीच राजनीतिक बयानों की तीखी तकरार।
24 साल बाद भी नियोजन नीति पर सहमति नहीं बनी
अलग झारखंड राज्य गठन के 24 साल से अधिक गुजर जाने के बावजूद अब तक नियोजन नीति पर सहमति नहीं बन पाई है। सीएम हेमंत सोरेन की ओर से हाल में नियोजन नीति के नए प्रारूप को मंजूरी दी गई। इस नीति से युवाओं की तकदीर किस तरह से बदल पाएगी, यह बता पाना मुश्किल हैं। लेकिन अगर सरकार की इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो करीब 3 लाख युवाओं को तत्काल सरकारी नौकरी मिल सकती है।
विभिन्न विभागों में 2 लाख 87 हजार 129 पद खाली
झारखंड के विभिन्न विभागों में फिलहाल 2 लाख 87 हजार 129 पद खाली है। सबसे अधिक पद शिक्षा विभाग में खाली है, जहां एक लाख 42 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सकता है। दूसरा स्थान गृह विभाग का है, जहां 58 हजार 467 पद खाली पड़े है। तीसरा स्थान स्वास्थ्य विभाग है, 30 हजार 591 पद रिक्त है। शिक्षा, गृह और स्वास्थ्य विभाग में इतनी संख्या में पद खाली रहने से आम लोगों पर असर पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के लिए अब प्राइवेट स्कूलों पर निर्भरता बढ़ी है। वहीं गृह विभाग में पद रिक्त होने से विधि-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में भी परेशानी आ रही है। जबकि स्वास्थ्य विभाग में पद रिक्त होने के कारण समय-समय पर निजी अस्पतालों की मनमानी की खबर भी सामने आती हैं। शिक्षा, गृह और स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भरने से आम लोगों की कई परेशानियां कम हो सकती हैं।
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में 1.42 लाख पद रिक्त
झारखंड में स्वीकृत नियमित पदों की कुल संख्या 4 लाख 66 हजार 494 है। इसमें से सिर्फ 1 लाख 79 लाख 3 सौ 65 पद पर ही लोग कार्यरत है। इस तरह से 2 लाख 87 हजार से अधिक पद रिक्त है। इसमें सबसे ज्यादा पद शिक्षा विभाग में खाली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्राथमिक और माध्यामिक शिक्षा विभाग में 1लाख 42 हजार 35 पद रिक्त है। प्राथमिक शिक्षा विभाग में 1 लाख 17 हजार स्वीकृत है। जिसमें से सिर्फ 36 हजार पर लोग कार्यरत है। इसी तरह से माध्यमिक शिक्षा में 70083 पद नियमित पद स्वीकृत है, जिसमें सिर्फ 8944 पर ही लोग कार्यरत है।
गृह और स्वास्थ्य विभाग में 89 हजार पद खाली
झारखंड में स्वास्थ्य और गृह विभाग में 89 हजार से अधिक पद खाली है। गृह विभाग में 58 हजार 467 पद खाली है, जबकि स्वास्थ्य विभाग में 30 हजार 591 पद खाली है। रिपोर्ट के अनुसार गृह विभाग में एक लाख 33 हजार पद स्वीकृत है, जिसमें 74 हजार 919 पद पर लोग कार्यरत है। स्वास्थ्य विभाग में 60 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त है। स्वास्थ्य विभाग में 41 हजार 956 पद स्वीकृत है, जिसमें सिर्फ 11 हजार 365 पर ही लोग कार्यरत है।
कृषि और पथ समेत अन्य विभागों में 40% से अधिक पद रिक्त
झारखंड में शिक्षा, गृह और स्वास्थ्य विभाग ही नहीं, बल्कि कृषि पथ निर्माण और अन्य सभी विभागों में भी बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। कई विभागों में तो 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं। कृषि विभाग में 5327 में से 1441 पद पर कार्यरत बल हैं। इसी तरह से पशुपालन विभाग में 3364 स्वीकृत पद में से 1481 पद पर लोग कार्यरत हैं। भवन निर्माण में 1284 पद में से 494 पद, वित्त विभाग में 1501 में से 255 और खाद्य आपूर्ति में 1234 में से 325 पद पर लोग कार्यरत हैं। वन विभाग में 7560 पद में से 3413 पद, उद्योग विभाग में 2034 में से सिर्फ 365 पद पर कार्यरत बल हैं। श्रम विभाग में 4295 पदों में से सिर्फ 925 पद और ग्रामीण विकास में 7288 स्वीकृत पद में से 3419 पर लोग कार्यरत हैं।
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