Ranchi : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि “झारखंड स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सुधार के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए केंद्र सरकार की विशेष सहायता की आवश्यकता है। हमारा लक्ष्य झारखंड को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। जामताड़ा जिले में पहले 58 हजार टीबी के मरीज थे, जिनमें से 42 हजार मरीज ठीक हो चुके हैं। यह हमारी मेहनत और प्रतिबद्धता का परिणाम है।” मौका था केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा का। मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में झारखंड की स्थिति पर चर्चा की। डॉ अंसारी ने केंद्र सरकार से झारखंड को और अधिक मेडिकल कॉलेज और संसाधन प्रदान करने की मांग की, ताकि राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं अन्य राज्यों के समान विकसित हो सकें। उन्होंने झारखंड को “स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाईयों” तक पहुंचाने का संकल्प व्यक्त किया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा, “हमारे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी स्वास्थ्य के प्रति बेहद गंभीर और संवेदनशील हैं। उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार के लिए मुझे स्पष्ट निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री जी ने मुझे यह आश्वासन दिया है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही, उन्होंने मुझ पर भरोसा जताते हुए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि उनके द्वारा दिए गए हर टास्क को मैं पूरी लगन और मेहनत से हर हाल में पूरा कर दिखाऊंगा। मुख्यमंत्री जी का यह सहयोग और विश्वास मुझे झारखंड को स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए प्रेरित करता है।”
झारखंड में “सौ दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान” के तहत टीबी उन्मूलन के लिए व्यापक कार्यवाही की जा रही है। इस अभियान का मकसद टीबी मरीजों की पहचान, उनकी जांच एवं उपचार के साथ जन-जागरूकता फैलाना है। इस अभियान के तहत झारखंड के रामगढ़, गुमला, हजारीबाग और सिमडेगा जिलों को चयनित किया गया है। टीबी के प्रति उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें नि:शुल्क जांच और उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। नि-क्षय वाहन और नि-क्षय शिविरों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सहिया बहनें और स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर संभावित मरीजों की खोज में जुटे हैं।
अब तक राज्य में तीन हजार से अधिक निःक्षय मित्रों का पंजीकरण हो चुका है और 59 हजार से अधिक मरीजों के बीच फूड बास्केट वितरित किये गये हैं। झारखंड ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है और रांची जिले को “Sub National Certification Towards TB Free Status-2023” के तहत स्वर्ण पदक से नवाजा गया है।
राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत झारखंड में Work Place Policy for TB, its Co-morbidities, and Occupational Lung Disease का शुभारंभ 16 सितम्बर 2023 को किया गया था। इस पहल से राज्य को टी०बी० उन्मूलन के लक्ष्य 2025 को प्राप्त करने में बड़ी मदद मिलेगी। झारखंड सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस अभियान को सफल बनाने के लिए समर्पित हैं। टीबी मुक्त झारखंड का सपना जल्द ही साकार होगा।
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