Ranchi : झारखंड में होने वाले चुनाव में इस बार करीब 18 हजार गाड़ियों का इस्तेमाल हो रहा है। मतदान कार्य में लगाए गए इन गाड़ियों पर नजर रखने के लिए इसे हाइटेक रुप से तैयार किया गया है। चुनाव आयोग और जिला स्तर पर बने कंट्रोल रुम से इसपर नजर रखी जाएगी। 13 नवंबर को होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए तैयार इन गाड़ियों के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि इन गाड़ियों में लगे GPS सिस्टम से ऑनलाइन कंट्रोल रुम से नजर रखी जाएगी। इन गाड़ियों में सेक्टर मजिस्ट्रेट से लेकर ईवीएम के साथ निर्वाचनकर्मी तक बैठे रहेंगे। इसके माध्यम से ईवीएम गाड़ियों की भी जानकारी आयोग को मिलती रहेगी।
मतदान के लिए जा रही इन गाड़ियों का रूट निर्धारित है। निर्धारित रास्ते से भटकते ही ड्राइवर और इस गाड़ी में सवार अधिकारियों के मोबाइल की घंटी बजने लगेगी। कंट्रोल रूम से गाड़ी के ड्राइवर को अलर्ट किया जाएगा और जवाब तलब भी की जाएगी। इसके साथ ही विपरीत परिस्थितियों में बगल की गाड़ियों में सवार अधिकारियों को सहायता के लिए अधिकृत किया जाएगा। चुनाव आयोग का यह सिस्टम न केवल निर्वाचनकर्मियों की गाड़ी के साथ-साथ सुरक्षा बलों की गाड़ियों में भी लगाया गया है। मोरहाबादी में मांडर विधानसभा क्षेत्र के लिए जा रहे गाड़ी ड्राइवर तबरेज कहते हैं कि प्रशासन के द्वारा उन्हें रूट की जानकारी दी गई है। उसी रास्ते पर गाड़ी जाएगी यदि दूसरे रूट पर गाड़ी जाएगी तो परेशानी होगी।
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में जिन 43 सीटों पर मतदान होने हैं उनमें कई दुर्गम इलाकों में मतदान केन्द्र हैं। जहां के लिए निर्वाचनकर्मियों को 48 घंटे पहले रवाना किया गया। जिन इलाकों के लिए निर्वाचनकर्मियों को भेजा गया है। इसमें पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, लोहरदगा, गुमला और गढ़वा जिला शामिल है। 225 मतदान केन्द्रों के लिए इन निर्वाचनकर्मियों को हेलीड्रापिंग, ट्रेन एवं बस के माध्यम से रवाना किया गया।
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